Wednesday, August 29, 2007

[माध्यमिक] पीएचपी किस Operating सिस्टम पर चलेगी

php के सफल होने के मुख्य कारणों में उस की प्रत्येक Operating सिस्टम पर चलने की क्षमता है।

जी हाँ पीएचपी

१ यूनिक्स
२ मैक
३ विन्डोज़, तीनों पर बखूबी दोड़ती है। और भी कुछ अन्य सूची में शामिल हैं।

अगर आप साझे सर्वर पर हैं तो आपका सर्वर मालिक आपको पीएचपी उस पर चढ़ा कर देगा, आपको कुछ नहीं करना। मगर आप खुद ही सर्वर स्वामी हैं तो, आप इन तीनों सिस्टम के installer पीएचपी की आधिकारिक साईट http://www.php.net/ से उतार सकते हैं।


लिन्क
१ यूनिक्स २ मैक ३ विन्डोज़

ध्यान दें केवल pht.net मानक स्थलों से ही उतारें, अवैध तंत्रों की भरमार है, उन से बचें। अगर आप लीन्क्स(linux) के किसी पैकज का प्रयोग कर रहे हैं तो आपकी बल्ले-बल्ले, यह उन के साथ, बंधा हुआ आता है। वैसे linux पर पीएचपी का मज़ा ही कुछ और है।


Install के बाद हर हाल में php.ini को कौन्फिगर करना न भूलें (यह कभी और)।

आज के लिए इतना ही

7 comments:

Jitendra Chaudhary said...

सही है।
लेकिन भाई, विन्डोज पर कैसे इन्स्टाल करके चलाएंगे इसके लिए एक चैप्टर लिखो।

कोई सेफ़ AMP (Apache,PHP and MySQL) के बारे मे भी बताओ जो विन्डोज पर लगाया जा सके, क्योंकि अधिकतर साथी तो विन्डोज से ही है।

ये बहुत पापुलर होगा, अच्छा लिख रहे हो,लिखने मे आलोक भाई के नक्शेकदम पर मत चलो, फुरसतिया की तरफ़ देखो, मतलब कि लेख थोड़े बड़े करो भाई। कुछ उदाहरण भी जोड़ो।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

संजय बेंगाणी said...

बड़े काम की लेख माला है. विण्डोज के लिए विशेषरूप से लिखें.

हरिराम said...

पहले लोग यह समझ कर पीएचपी को अनदेखा करते थे कि यह सिर्फ लिनक्स पर संसाधित होती है। आपकी इस तक-लेख-माला से प्रभावित होकर अब हम विण्डोज पर भी पीएचपी को आजमाएँगे।

ePandit said...

बहुत अच्छी जानकारी दी विपुल जी। ये बताइए कि अगर इसको लोकल पीसी पर ट्राई करना हो तो क्या wampserver से ही बात बन जाएगी या फिर अलग से इंस्टाल करना पड़ेगा?

और हाँ लेखों की लंबाई बढ़ाने के मामले में हमारी तरह फुरसतिया जी से प्रेरणा लीजिए। हमने भी धीरे-धीरे अपने लेखों की लंबाई बढ़ाई। :)

अंकुर गुप्ता said...

ये हुई काम की बात!
बहुत ही अच्छा ब्लाग आपने शुरू किया है. अगर हो सके तो पी एच पी के साथ ए एस पी डाट नेट को भी शामिल करें.

Shastri JC Philip said...

बहुत काम की जानकारी दे रहे हैं आप. लेखन का तरीका सरल है. सरल ही रखें जिससे हम जैसे लोग भी समझ सकें -- शास्त्री

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info

विपुल जैन said...

http://php-gyan.blogspot.com/2007/08/wamp5-for-php-on-windows.html